अक्टूबर–नवंबर 2024 में न्यू ज़ीलैंड ने भारतीय धरती पर ऐसा कारनामा कर दिखाया जिसकी कोईTeam ने पहले कोशिश भी नहीं की थी — उन्होंने तीन मैचों की टेस्ट सीरीज़ भारत को 3–0 से हराकर पूरी तरह व्हाइटवॉश किया। यह न सिर्फ भारत का पहला 3+ टेस्ट घर पर व्हाइटवॉश था, बल्कि वे पहली ऐसी टीम भी बने जिन्होंने भारत में तीन टेस्ट मैचों वाला सीरीज़ क्लीन स्वीप किया।
🏆 प्रमुख तथ्य और रिकॉर्ड:
- घरेलू टेस्ट सीरीज़ में लगातार 18 जीत (2012–2024) का भारत का वर्चस्व टूटा — यह 12 साल में पहली हार थी ।
- न्यू ज़ीलैंड की यह पहली जीत थी भारत में टेस्ट सीरीज़ जीतने की, और वे पहली टीम बने जिन्होंने भारत को घर पर तीन मैचों से 0–3 से हराया ।
- पहला टेस्ट (बेंगलुरु): भारत सिर्फ 46 रन पर आउट हुआ। मत्त हेनरी (5/15) और विल ओ’रूरके (4/22) ने पारी जल्दी समाप्त कर दी थी ।
- दूसरा टेस्ट (पुणे): मिशेल सैंटनर ने मैच में 13 विकेट (7 + 6) लिए और भारत को 113 रनों से हराया — जिससे समग्र सीरीज़ में 2–0 की अजेय बढ़त बन गयी।
- तीसरा टेस्ट (मुंबई) में भारत से सिर्फ 147 रनों का आसान लक्ष्य लिया गया, लेकिन अजाज पटेल ने 6/57, कुल मिलाकर 11 विकेट लिए, और भारत 25 रन से हार गया ।
📌 टीम व प्रदर्शन विश्लेषण:
- न्यू ज़ीलैंड कप्तान टॉम लेथम ने इसे अपनी क्रिकेट करियर की “सबसे बड़ी श्रृंखला जीत” बताया, विशेषकर जब कंगारू खिलाड़ी केन विलियमसन चयन से बाहर थे और युवा खिलाड़ियों — जैसे विल यंग (सीरीज़ में सर्वाधिक रन) — ने भरपूर योगदान दिया ।
- मिशेल सैंटनर की पारी में शानदार बल्लेबाज़ और विकेट लेने की रणनीति ने भारत के शीर्ष बल्लेबाजों जैसे कोहली और रोहित को झकझोर दिया ।
- भारत की बल्लेबाज़ी पूरी तरह फ्लॉप रही — रोहित (91 रनों औसत), कोहली केवल 93 रन सीरीज़ में — जबकि पंत ने अंत तक लड़ने की कोशिश की।
🛠️ भारत के भविष्य की राह:
इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने कहा कि इस सीरीज़ की सबसे बड़ी सीख अनुकूलन क्षमता (adaptability) है — खासकर पिच और गेंद के अनुसार गेंदबाजी बदलाव और परिस्थिति पढ़ने की रणनीति पर जोर ।
पूर्व ऑस्ट्रेलियाई कप्तान माइकल क्लार्क ने कहा कि यह हार भारत की “मानसिक थकावट” का परिणाम थी — खिलाड़ियों की थकावट और अचानक तेज़ रफ्तार की तैयारी में कमी इस सीरीज़ में साफ दिखी ।
🔚 निष्कर्ष:
इस ऐतिहासिक 3–0 की घरेलू हार ने भारतीय टेस्ट क्रिकेट को झकझोरकर रख दिया है। जहाँ न्यू ज़ीलैंड ने धैर्य, रणनीति और परिस्थितियों को भाँपकर खेला, वहीं भारत की बल्लेबाजी, मानसिक मजबूती और अनुकूलन क्षमता गंभीर रूप से परीक्षा में फेल रही। अब उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उभरती विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप की सीढ़ी पर मजबूती से लौटने की जरूरत है।