इतिहास रचने वाली दिव्या देशमुख विश्वकप जीतकर बनीं सबसे युवा महिला Grandmaster

दिव्या देशमुख

29 जुलाई 2025 को बटुमी (जॉर्जिया) में FIDE महिला विश्वकप के फाइनल में कनेरू हंपी को हराकर 19 वर्षीय दिव्या देशमुख ने ऐसा कर दिखाया जो पहले किसी भारतीय महिला ने नहीं किया। इस जीत के साथ उन्होंने न केवल महिला विश्वकप का ख़िताब जीता, बल्कि भारत की 88वीं Grandmaster बनकर इतिहास रच दिया, और सबसे युवा विश्वकप विजेता का गौरव हासिल किया।

वह इस प्रतिष्ठान को हासिल करने वाली केवल चौथी भारतीय महिला Grandmaster हैं — पहले से इस सूची में कनेरू हंपी, हरिका द्रोणावल्लि और वैश्याली शामिल थीं।


🧠 प्रतियोगिता की जंग: भावना से जीत तक

दिव्या ने फाइनल में क्लासिकल दोनों मैच ड्रॉ किए, लेकिन टाइम कंट्रोलर Rapid tie-break में उन्होंने विशेषज्ञता दिखाई। पहले Rapid मैच ड्रॉ हुआ, पर दूसरे Rapid में हंपी की समय-सीमा में हुई चूक ने दिव्या को 2.5–1.5 से जीत की राह दिखाई।

इंदो-एशियन न्यूज सर्विस को दिए इंटरव्यू में दिव्या ने बताया, “यह टूर्नामेंट मेरी सबसे बड़ी परीक्षा थी” —‌ शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्तर पर उन्होंने संयम बनाए रखा।

जब जीत का अंतिम स्पर्श हुआ, तो दिव्या भावुक हो उठीं — कानों में पानी, चेहरे पर मासूमियत और फिर अपनी माँ की बाहों में गिर कर अपना यश आत्मसात किया। यह पल दर्शाता है कि हार और जीत के बीच कितनी पतली रेखा होती है।


👏 देश और दिग्गज नेताओं की सराहना

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने X (पूर्व Twitter) पर लिखा:
    “A historic final featuring two outstanding Indian chess players! Proud of the young Divya Deshmukh…” अपनी पोस्ट में उन्होंने दिव्या की उपलब्धि को युवा प्रेरणा की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण बताया।
  • दिग्गज उद्योगपति ** आनंद महिंद्रा** ने दिव्या और उनकी माँ की भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा — behind every GM is the caring mother.
  • पूर्व विश्व चैंपियन विस्वनाथन आनंद ने विश्लेषण करते हुए कहा, “This result has been long time coming for Divya… वह शांत और त्रुटिहीन खेल दिखाया।”
  • Susan Polgar, महिलाओं की पूर्व विश्वचैंपियन, ने दिव्या की मानसिक दृढ़ता, हार न मानने की भावना, और आंदोलनशील आत्मविश्वास की प्रशंसा की।

🎉 नागपुर में हार्दिक स्वागत

  • नागपुर एयरपोर्ट पर दिव्या के आगमन पर भारी उत्साह और प्रेम दिखा। उन्होंने अपने पहले कोच राहुल जोशी, परिवार और बहन को श्रेय दिया।

🏛️ राज्य का समर्थन: सरकार का वादा नई पहल

  • महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि अब राज्य में अंतर्राष्ट्रीय कोच, पोषण विशेषज्ञ और स्पोर्ट्स सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।
    दिव्या को इस उपलब्धि के लिए ₹3 करोड़ पुरस्कार देने की घोषणा हुई, और अभी भी भविष्य की योजनाएँ जारी हैं, जिसमें अगला Chess World Cup महाराष्ट्र में आयोजित करने का प्रस्ताव है।
  • साथ ही, खेल मंत्री मांसुख मंडाविया द्वारा दिव्या और हंपी की जय-पुरस्कार समारोह में संभोग किया गया।
  • मुख्य न्यायाधीश भारत (CJI) भुषण गवई ने शंकर नगर नागपुर में दिव्या के घर पहुंच कर उन्हें “राष्ट्रीय मील का पत्थर” बताया। उन्होंने दिव्या के परिवार से अपनी पुरानी पारिवारिक कनेक्शन भी साझा की।

🌟 आगे की राह: मो Candidates और आगे

दिव्या अब 2026 FIDE Candidates Tournament के लिए योग्य हो चुकी हैं और विश्व चैंपियनशिप की ओर बढ़ रही हैं। उन्होंने भविष्य में भारतीय दबदबे को बनाए रखने के लिए लगातार जीत की अहमियत पर जोर दिया।

नागपुर में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि योग, ध्यान, और आत्मचर्या उनका ध्यान केंद्र करता है — साथ ही शिक्षा भी जारी रखी जा रही है।


📌 संक्षिप्त हाइलाइट्स:

विषयविवरण
विजय का दिन28–29 जुलाई 2025, बटुमी, जॉर्जिया
विजेतादिव्या देशमुख (भारत), 19 वर्ष
फाइनल परिणामक्लासिकल ड्रा, Rapid tie-break में क्रमशः 2.5–1.5 से हंपी को हराया
उपाधियाँFIDE Women’s World Cup, Grandmaster (88वीं भारत में, 4वीं महिला)
प्रशंसाPM मोदी, आनंद महिंद्रा, आनंद, Susan Polgar सहित तमाम हस्तियों ने सराहा
राज्य पुरस्कारमहाराष्ट्र सरकार ₹3 करोड़, प्रशिक्षण सुविधाएँ, World Cup होस्टिंग पहल

दिव्या देशमुख की यह सफलता केवल एक शतरंज मैच की जीत नहीं, बल्कि भारत की उभरती बुद्धिबल प्रतिभा और महिला खिलाड़ियों की क्षमता का प्रतीक है। इस यश से प्रेरित होकर कई युवा लड़कियाँ शतरंज की दुनिया में कदम रखेंगी — और भारत की शतरंज गौरवगाथा आगे बढ़ेगी।

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