ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाक सीमा पर फिर तनाव? सेना ने दी सफाई – ‘कृष्णा घाटी में नहीं हुआ कोई सीज़फायर उल्लंघन’

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🇮🇳🔫 भारत-पाक सीमा पर एक बार फिर उठे तनाव के बादल?

सोमवार को कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि पाकिस्तान ने पुंछ के कृष्णा घाटी सेक्टर में सीज़फायर का उल्लंघन किया, जिसके जवाब में भारतीय सेना ने भी जवाबी फायरिंग की, और दोनों तरफ से करीब 15 मिनट तक गोलीबारी चली।

हालांकि, भारतीय सेना ने इस खबर का खंडन करते हुए स्पष्ट किया है कि:

कृष्णा घाटी सेक्टर या एलओसी के किसी हिस्से में कोई सीज़फायर उल्लंघन नहीं हुआ है।


📌 पिछली मुठभेड़: 9 मई की रात

मई 2025 में आखिरी बार सीज़फायर का उल्लंघन तब दर्ज हुआ था जब पाकिस्तान रेंजर्स ने जम्मू सेक्टर में बीएसएफ की पोस्ट्स पर बिना किसी उकसावे के गोलीबारी की थी। यह घटना 9 मई की रात 9 बजे के आसपास हुई थी।

इस पर BSF (सीमा सुरक्षा बल) ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उनके आधिकारिक बयान में कहा गया:

“BSF ने जवाबी कार्रवाई में पाकिस्तान रेंजर्स की कई पोस्ट्स और उनके संसाधनों को गंभीर नुकसान पहुँचाया। भारत की संप्रभुता की रक्षा करने की हमारी प्रतिबद्धता अडिग है।”


⚔️ ऑपरेशन सिंदूर: संघर्ष की पृष्ठभूमि

  • इससे पहले, 7 मई 2025 को भारत ने “ऑपरेशन सिंदूर” लॉन्च किया था, जो 22 अप्रैल को पहलगाम (जम्मू-कश्मीर) में हुए आतंकी हमले के जवाब में किया गया था। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान गई थी।
  • ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत ने PoK और पाकिस्तान में स्थित 9 आतंकी ठिकानों को तबाह किया

इस ऑपरेशन के बाद:

  • पाकिस्तान ने भारत पर ड्रोन और मिसाइल हमले की कोशिश की, जो असफल रही।
  • 10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारतीय समकक्ष से संपर्क कर तनाव को विराम देने की अपील की। इसके बाद हालात नियंत्रण में आ गए।

🔍 वर्तमान स्थिति और सेना की स्थिति

हालांकि हालिया घटनाओं ने एक बार फिर लोगों में चिंता पैदा कर दी, लेकिन सेना की तत्काल सफाई ने स्थिति को स्पष्ट कर दिया।
सेना के बयान से यह स्पष्ट है कि:

  • कृष्णा घाटी में कोई सक्रिय गोलीबारी नहीं हुई।
  • यह गलत सूचना या भ्रम का परिणाम हो सकता है।

🧭 निष्कर्ष

हाल के वर्षों में भारत-पाक सीमा पर शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों ने कई बार सहमति जताई है, लेकिन आतंकी घटनाएं और छिटपुट संघर्ष इस शांति को चुनौती देते रहते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर ने भारत के कड़े रुख को दर्शाया है, वहीं सेना की सटीक और पारदर्शी प्रतिक्रिया दिखाती है कि भारत सभी स्थितियों के लिए तैयार, लेकिन गैर-उकसावे वाली शांति का पक्षधर है।

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