कविंदर गुप्ता बने लद्दाख के नए उपराज्यपाल J&K की राजनीति से अब हिमालय की पहाड़ियों तक

kavinder gupta

भारत के राष्ट्रपति भवन द्वारा जारी आदेश के अनुसार, पूर्व जम्मू-कश्मीर उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता को लद्दाख का नया उपराज्यपाल नियुक्त किया गया है। वे ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) बी. डी. मिश्रा का स्थान लेंगे, जो 2023 से इस पद पर कार्यरत थे।


🧾 कौन हैं कविंदर गुप्ता?

  • कविंदर गुप्ता का राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से बचपन से जुड़ाव रहा है।
  • आपातकाल (Emergency) के दौरान उन्हें भी जेल जाना पड़ा था, जो उनके राजनीतिक संघर्ष का अहम हिस्सा रहा।
  • उन्होंने 1978–79 में विश्व हिंदू परिषद (VHP) के पंजाब प्रांत के सचिव पद की जिम्मेदारी निभाई।
  • 1993–98 के बीच वे भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के जम्मू-कश्मीर इकाई के अध्यक्ष भी रहे।
  • 2015–2018 तक जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री रहे और प्रदेश भाजपा की राजनीति में मजबूत पहचान बनाई।

📍 ब्रिगेडियर बी.डी. मिश्रा का स्थान:
ब्रिगेडियर (रि.) बी.डी. मिश्रा को 2023 में लद्दाख का उपराज्यपाल नियुक्त किया गया था। अब उनकी जगह पर राजनीतिक अनुभव से भरपूर कविंदर गुप्ता लद्दाख की संवैधानिक जिम्मेदारी संभालेंगे।


🌄 लद्दाख में नई उम्मीदें:

  • लद्दाख, जिसे 2019 में केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला, वहां अब तक प्रशासनिक नेतृत्व सैन्य अनुभव वालों के हाथ में रहा है।
  • अब एक अनुभवी राजनीतिज्ञ की नियुक्ति के साथ लद्दाख में राजनीतिक संवाद, विकास योजनाओं और सांस्कृतिक समन्वय को नई दिशा मिल सकती है।
  • सीमा से सटे क्षेत्रों में स्थानीय प्रतिनिधियों और प्रशासन के बीच बेहतर तालमेल की उम्मीद की जा रही है।

🗣️ राजनीतिक विश्लेषण:

  • गुप्ता की नियुक्ति को केंद्र सरकार की रणनीति के तहत देखा जा रहा है, जहां अब लद्दाख में राजनीतिक और सामाजिक समावेशिता को प्राथमिकता दी जा रही है।
  • उनके अनुभव से सीमावर्ती क्षेत्र में स्थायित्व, विकास और संवाद की गति को बल मिल सकता है।

निष्कर्ष:
कविंदर गुप्ता की लद्दाख के उपराज्यपाल के रूप में नियुक्ति एक बड़ा प्रशासनिक और राजनीतिक परिवर्तन है। उनके RSS और BJP के साथ लंबे जुड़ाव से संकेत मिलता है कि लद्दाख में अब केवल सीमावर्ती सुरक्षा ही नहीं, बल्कि राजनीतिक स्थिरता, युवाओं की भागीदारी और सांस्कृतिक पहचान पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

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