📌 घटनाक्रम
- ULFA(I) ने रविवार (13 जुलाई 2025) को प्रेस रिलीज़ जारी कर कहा कि सुबह-सुबह म्यांमार बॉर्डर पर उनके कई मोबाइल कैंपों पर ड्रोन हमले हुए। इसमें एक वरिष्ठ कमांडर मारा गया और लगभग 19 सदस्य घायल बताए गए।
- हालांकि राष्ट्रीय रक्षा सूत्रों ने इस खबर को खारिज करते हुए कहा, “Indian Army के पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है” और किसी भी ऑपरेशन की जानकारी से इंकार किया है।
⚔️ ऑपरेशन की कड़ियाँ
- इससे पहले Pratidin Time ने रिपोर्ट किया था कि ULFA-I और NSCN(K) के म्यांमार के Sagaing क्षेत्र में चार कैंप DRONE से निशाना बनाए गए—संयंत्र लगभग 100 ड्रोन के साथ, जिसमें ULFA-I के ईस्टर्न कमांड H.Q. को टार्गेट किया गया था, जहां शीर्ष कमांडर Nayan Asom की मौत की भी आशंका जताई गई थी, हालांकि सेना की आधिकारिक पुष्टि नहीं मिली थी।
- ULFA-पक्ष का ज़ोर यह रहा कि Indian Army द्वारा ऑपरेशन किया गया, जबकि आर्मी की ओर से इस पर मुहर नहीं लगाई गई—दोनों पक्षों में बयानबाज़ी जारी है।
🔍 क्या कहता है सरकारी रुख?
- Indian Army ने स्पष्ट कहा है कि “कोई ड्रोन हमले की जानकारी नहीं है”, और इस मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है।
- चीनी मीडिया में भी यह स्पष्टीकरण देकर बताया गया है कि भारत की सेनाएं अंतरराष्ट्रीय सीमा पार नहीं जाती—यदि कुछ हुआ, वह भारत के नियंत्रण से बाहर है।
⚖️ दो बुझते तर्क, उलझे सवाल
- क्या भारतीय सेना ने म्यांमार के अंदर कार्रवाई की?
– ULFA-I की ओर से तेज़ दावा है कि ड्रोन हमले उनके कैंपों पर हुए।
– परंतु ऑफिशियल इंडियन आर्मी का सीधा खंडन जारी रहा। - क्या फ्रॉम इंडिया-के बाहर हुए ऑपरेशन की कोई गुप्त समझ है?
– Pratidin Time ने बताया कि यह ऑपरेशन म्यांमार सरकार की सहमति से हो सकता है।
– लेकिन कोई भी आधिकारिक बयान दोनों देशों की तरफ़ से नहीं आया।
🔚 निष्कर्ष
यह ड्रोन ड्रामा पहली बार सामने आए म्यांमार–इंडिया बॉर्डर पर सक्रिय रूप में दस्तक है—जहां एक ओर दक्षिण एशिया में नेशनलिस्टिक नेटवर्क की परतदार जंग है, तो दूसरी ओर निर्धारित सत्य क्षेत्र बना हुआ है। IF ULFA-I की रिपोर्ट सही होती है तो यह भारत की क्रॉस-बॉर्डर स्टैंड का असर दिखा सकता है—लेकिन जब तक Indian Army और सरकार आधिकारिक रोशनी नहीं डालती, पूरा सच रहस्योद्घाटन ही रहेगा।