विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया है कि केरल की नर्स निमिषा प्रिया की यमन में मौत की सजा रद्द नहीं की गई है, और किसी प्रकार का समझौता उसके रिहाई के लिए अभी तक नहीं हुआ है। ये बयान ऐसे समय में आया है जब सोशल मीडिया और कुछ धार्मिक संगठनों ने उसके विरुद्ध दिए गए फांसी के आदेश को रद्द होने का दावा किया था।
❗ MEA की सटीक प्रतिक्रिया:
MEA के प्रवक्ता रांधीर जायसवाल ने प्रेस ब्रीफिंग में तथ्यों का स्पष्ट रूप से खंडन करते हुए कहा:
- “कुछ रिपोर्ट्स जो कह रही हैं कि सजा रद्द कर दी गई या रिहाई के समझौते हुए हैं, वे ग़लत और अविश्वसनीय हैं।”
- उन्होंने बताया कि यमन की स्थानीय प्रशासन ने अभी भी निष्पादन को स्थगित किया हुआ है, लेकिन कोई स्थायी रिहाई नहीं हुई है।
- इसका श्रेय भारत सरकार की निरंतर कूटनीतिक और मानवतावादी कोशिशों को जाता है।
- भारत अब भी इस मामले पर गहराई से काम कर रहा है और मैत्रीपूर्ण अन्य सरकारों से संपर्क में है
⚖️ विरोधाभासी दावे और तनाव
दावे | MEA की स्थिति |
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सजा रद्द हो गई | MEA ने स्पष्टत: खंडन किया है—कोई आधिकारिक सूचना नहीं मिली है |
समझौता या blood‑money चर्चा | Grand Mufti के बयान को परिवार ने खंडित किया है; संवाद अभी जारी है |
अदालत अपील / सजा स्थगित | 16 जुलाई 2025 की फांसी निर्णय स्थगित की गई; पर सजा पर बनी अनिश्चितता जारी है |
⏳ केस की संवेदनशीलता और जटिलता
- यह मामला यमन की शरिया आधारित न्याय प्रणाली और ब्लड मनी (दिया) केादेश पर आधारित है, जहाँ मृतक परिवार की माफ़ी साथी समाधान का हिस्सा है।
- Grand Mufti कान्तापुरम AP अबूबकर मुसलियार के प्रयासों की वजह से कुछ हलचल हुई थी—लेकिन MEA ने स्पष्ट किया कि यमन सरकार ने सजा रद्द किए जाने की कोई वैध घोषणा नहीं दी है।
- भारत सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि यमन में स्थिति अत्यंत राजनैतिक रूप से संवेदनशील है, और वहां की कूटनीतिक सीमाओं को देखते हुए विकल्प सीमित हैं।
🧭 अगले कदम क्या हो सकते हैं?
- बातचीत उन लोगों के संपर्क में जारी हैं जो मृतक के परिवार के बीच समझौते के लिए आगे आ सकते हैं।
- Save Nimisha Priya International Action Council ने सार्वजनिक धारणा में संयम बनाए रखने की अपील की है ताकि मामला जटिल न बने।
- सरकार और धार्मिक नेतृत्व के प्रयासों के बावजूद रिहाई एक अनिश्चित राह बनी हुई है।
✅ निष्कर्ष
- निमिषा प्रिया की मौत की सजा यमन में अभी बरक्सारार है।
- कोई आधिकारिक तौर पर रद्दीकरण या रिहाई का आदेश नहीं मिला है।
- सरकार मध्यस्थता और मानवीय वार्ता जारी रखे हुए है, लेकिन स्थिति अभी भी अजीब तनावपूर्ण बनी हुई है।