🎬 फिल्म का नाम: हरी हरा वीरा मल्लू
📅 रिलीज डेट: 24 जुलाई 2025
⭐ रेटिंग: 3/5
🎭 मुख्य कलाकार: पवन कल्याण, निधि अग्रवाल, बॉबी देओल, नासर, सुनील, सत्या राज
🎬 निर्देशक: ज्योति कृष्णा व कृष
🎵 संगीत: एम.एम. कीरवानी
कहानी:
साल 1650 के दौर में बसी इस पीरियड ड्रामा में वीरा मल्लू (पवन कल्याण) एक रॉबिन हुड जैसे योद्धा हैं, जो कोल्लूर के राजा की नजर में आते हैं। वह पंचमी (निधि अग्रवाल) के साथ वहां से भाग निकलते हैं। बाद में कुतुब शाह (दलीप ताहिल) उन्हें कोहिनूर हीरा वापस लाने का एक बड़ा मिशन सौंपते हैं, जो दिल्ली में औरंगज़ेब (बॉबी देओल) के पास है। लेकिन क्या यह हीरा ही वीरा का असली मकसद है? या कुछ और राज़ छुपे हैं?
प्लस पॉइंट्स:
✅ पवन कल्याण का दमदार प्रदर्शन और प्रभावशाली डायलॉग डिलीवरी।
✅ फिल्म में कई शानदार एक्शन सीक्वेंस — मछलीपट्टनम बंदरगाह, चारमीनार की लड़ाई और कुश्ती मुकाबला विशेष रूप से ध्यान खींचते हैं।
✅ एम.एम. कीरवानी का बैकग्राउंड स्कोर फिल्म को और ऊंचाइयों पर ले जाता है।
✅ बॉबी देओल का लुक और स्क्रीन प्रजेंस दमदार है, भले ही उनकी स्क्रीन टाइम सीमित है।
माइनस पॉइंट्स:
❌ फिल्म का दूसरा भाग काफी धीमा है और क्लाइमेक्स तक पहुंचते-पहुंचते दर्शकों की उत्सुकता कम होने लगती है।
❌ कई पात्र जैसे सत्या राज और निधि अग्रवाल को पर्याप्त स्कोप नहीं मिलता।
❌ VFX कमजोर है और कई सीन में दृश्यात्मक अनुभव बिगड़ता है।
❌ हीरो-विलेन टकराव को पूरी तरह टाल दिया गया है, जो फैंस के लिए निराशाजनक हो सकता है।
तकनीकी पक्ष:
🎥 सिनेमैटोग्राफी दर्शनीय है और 17वीं सदी का यथार्थपूर्ण चित्रण करती है।
✂️ एडिटिंग पहले हाफ में चुस्त है, लेकिन सेकंड हाफ में खिंचाव महसूस होता है।
🎶 संगीत में कीरवानी का जादू पूरी फिल्म में बहता है, खासकर एक्शन सीन को ऊंचाई देता है।
फैसला:
‘हरी हरा वीरा मल्लू’ भले ही अपनी भव्यता और प्रभावी अभिनय से दर्शकों को आकर्षित करती है, लेकिन कमजोर CGI, अधूरी स्क्रिप्ट और धीमा सेकंड हाफ इसे एक औसत पीरियड ड्रामा बनाते हैं। पवन कल्याण के फैंस के लिए यह एक बड़ा विजुअल ट्रीट है, लेकिन एक दमदार कहानी और क्लाइमेक्स की कमी साफ महसूस होती है।
🎥 अगर आप पवन कल्याण के फैन हैं या ऐतिहासिक एक्शन ड्रामा पसंद करते हैं, तो यह फिल्म एक बार तो थियेटर में देखने लायक जरूर है।
📌 सीक्वल से उम्मीदें अब और बढ़ गई हैं!