भारतीय वायुसेना की ताकत में जबरदस्त इजाफा हुआ है। 3 अगस्त 2025 को वायुसेना को स्पेन से मिले C-295 सैन्य परिवहन विमानों की अंतिम खेप सौंपी गई। ये मल्टी-रोल एयरक्राफ्ट न केवल वायुसैनिक अभियानों में सहायक होंगे, बल्कि आपदा राहत से लेकर सीमाओं पर दुश्मनों को जवाब देने में भी बेहद कारगर साबित होंगे।
🚁 क्या है खास C-295 विमान में?
- एक साथ 71 सैनिक या 48 पैराट्रूपर्स को ले जाने में सक्षम
- जरूरत पड़ने पर एयर एम्बुलेंस में भी बदला जा सकता है
- पैराशूट से सैनिकों या सामग्री की आपूर्ति करने की क्षमता
- 5 से 10 टन माल ढोने की क्षमता
- लगभग 11 घंटे तक उड़ान भरने की क्षमता
- प्राकृतिक आपदा जैसे बाढ़, भूकंप में राहत सामग्री पहुंचाने में सक्षम
🇮🇳 भारत को कुल 56 C-295 मिलेंगे:
- 16 एयरक्राफ्ट स्पेन से पूरी तरह तैयार होकर भारत पहुंचे
- शेष 40 विमानों का निर्माण भारत में ही किया जाएगा, जिससे ‘मेक इन इंडिया’ को भी बल मिलेगा
- ये नए विमान पुराने Avro विमानों की जगह लेंगे, जो अब तकनीकी रूप से पिछड़ चुके हैं
🔍 सामरिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण:
C-295 विमान सीमावर्ती इलाकों में त्वरित सैनिक पहुंच, रसद आपूर्ति और आपातकालीन मिशनों में सटीकता और तेज़ी से कार्रवाई करने की काबिलियत रखते हैं। इनके शामिल होने से वायुसेना की मॉडर्न वॉरफेयर कैपेबिलिटी में बड़ा उछाल आएगा।
🌍 रणनीतिक साझेदारी:
भारत अब रूस के साथ-साथ स्पेन जैसे यूरोपीय देशों से भी रक्षा सहयोग बढ़ा रहा है। इससे भारत की सैन्य रणनीति में बहु-आयामी ताकत जुड़ रही है।
📌 निष्कर्ष:
C-295 विमानों की तैनाती सिर्फ वायुसेना की तकनीकी मजबूती नहीं है, बल्कि यह भारत की रणनीतिक सोच और वैश्विक सैन्य साझेदारी की दिशा में एक बड़ा कदम है। आने वाले वर्षों में यह विमान भारत की सुरक्षा नीति में ‘गेमचेंजर’ साबित होंगे।
जय हिन्द