मगध विश्वविद्यालय, गयाजी में इन दिनों कुलपति के कार्यशैली को लेकर छात्रों में भारी असंतोष देखा जा रहा है। छात्रों का आरोप है कि विश्वविद्यालय के कुलपति छात्रों की समस्याओं से कटे हुए हैं और उनकी आवाज तक उन तक पहुंच नहीं पाती।
विद्यार्थियों की आवाज दब रही है
छात्रों का कहना है कि जब भी वे अपनी समस्याओं को लेकर कुलपति तक पहुंचने की कोशिश करते हैं, तो उन्हें निराशा ही हाथ लगती है। आरोप है कि कुलपति महोदय के इर्द-गिर्द चाटुकारों और चापलूसों की ऐसी दीवार खड़ी कर दी गई है, जो आम छात्रों की बात को दबा देती है और उन्हें अपने महिमामंडन में व्यस्त रखते हैं।
क्या हैं छात्रों की मुख्य शिकायतें?
छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय में परीक्षा परिणामों में देरी, पाठ्यक्रमों की अनियमितता, और प्रशासनिक लापरवाही जैसी गंभीर समस्याएं लंबे समय से बनी हुई हैं। कई बार शिकायत दर्ज कराने के बावजूद न तो सुनवाई होती है और न ही समाधान मिलता है।
छात्र संगठनों का बढ़ता दबाव
कई छात्र संगठनों ने कुलपति के रवैए के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और जल्द ही विरोध प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर कुलपति छात्रों से सीधा संवाद नहीं करते और प्रशासन में पारदर्शिता नहीं लाते, तो आंदोलन और तेज होगा।
विश्वविद्यालय प्रशासन की चुप्पी
इस पूरे विवाद पर विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, सूत्रों की मानें तो कुलपति से छात्रों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात करवाने की कोशिशें की जा रही हैं।
निष्कर्ष:
मगध विश्वविद्यालय में छात्रों और कुलपति के बीच बढ़ती दूरी ने एक संवेदनशील मुद्दे को जन्म दे दिया है। विश्वविद्यालय प्रशासन को चाहिए कि वह छात्रों की शिकायतों को गंभीरता से ले और संवाद स्थापित कर माहौल को सामान्य बनाए। नहीं तो यह असंतोष जल्द ही एक बड़ा आंदोलन का रूप ले सकता है।