मणिपुर सरकार ने राज्य के पांच प्रमुख जिलों—इम्फाल वेस्ट, इम्फाल ईस्ट, थोउबाल, ककचिंग और विष्णुपुर—में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं पांच दिनों के लिए निलंबित कर दी हैं। यह निर्णय 7 जून की रात को गृह विभाग के सचिव एन. अशोक कुमार द्वारा जारी एक आदेश के तहत लिया गया, जिसमें कानून-व्यवस्था की बिगड़ती स्थिति और सोशल मीडिया के ज़रिये भड़काऊ सामग्री के प्रसार की आशंका को कारण बताया गया है।
आधिकारिक आदेश में कहा गया है, “मणिपुर राज्य, विशेष रूप से इम्फाल वेस्ट, इम्फाल ईस्ट, थोउबाल, ककचिंग और विष्णुपुर में वर्तमान कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए आशंका है कि कुछ असामाजिक तत्व सोशल मीडिया का दुरुपयोग कर सार्वजनिक भावना को भड़काने वाली तस्वीरें, वीडियो और भाषण प्रसारित कर सकते हैं, जिससे गंभीर शांति भंग हो सकती है।”
सार्वजनिक और निजी संपत्ति को खतरा
सरकार ने जन-जीवन और सार्वजनिक शांति को खतरे में डालने वाली अफवाहों और भड़काऊ सामग्रियों के प्रसार की आशंका जताई है। आदेश में कहा गया है कि WhatsApp, Facebook, Instagram और X (पूर्व में Twitter) जैसे प्लेटफॉर्म का उपयोग “झूठी जानकारी और सांप्रदायिक तनाव” फैलाने के लिए किया जा सकता है।
इसी कारण से, इंटरनेट सेवाओं के साथ-साथ VSAT और VPN कनेक्टिविटी को भी 7 जून की रात 11:45 बजे से प्रभावी रूप से बंद कर दिया गया है। सरकार ने कहा कि यह आदेश “आपातकालीन स्थिति” को देखते हुए एकतरफा रूप से पारित किया गया है।
विरोध और गिरफ्तारियों से उपजा तनाव
यह फैसला शनिवार रात इम्फाल ईस्ट और वेस्ट में हुए प्रदर्शनों के बाद लिया गया, जब Meitei संगठन ‘अरंबाई तेंगगोल’ के एक नेता की गिरफ्तारी के विरोध में लोग सड़कों पर उतर आए। उग्र प्रदर्शनकारियों ने क्वाकैतल और उरीपोक जैसे इलाकों में सड़कों को जलते टायर और फर्नीचर से जाम कर दिया और नेता की रिहाई की मांग की।
एक वायरल वीडियो में भाजपा सांसद लेशेम्बा सनाजाओबा को सुरक्षा बलों से उलझते हुए देखा गया, जहां वह एक अन्य विधायक के साथ खुद की भी गिरफ्तारी की पेशकश करते नज़र आए।
उग्रवादियों की गिरफ्तारी और हथियार बरामद
प्रदर्शनों के बीच सुरक्षा बलों ने कड़ी कार्रवाई करते हुए प्रतिबंधित संगठनों—कांगलेइपाक कम्युनिस्ट पार्टी (पीपुल्स वॉर ग्रुप) और यूनाइटेड पीपुल्स पार्टी ऑफ कांगलेइपाक (UPPK)—से जुड़े तीन उग्रवादियों को गिरफ्तार किया है। तलाशी अभियानों के दौरान हथियार, आईईडी और मोर्टार भी बरामद किए गए हैं।
पृष्ठभूमि: जारी है जातीय संघर्ष
राज्य में मेइती और कुकी-जो समुदायों के बीच चल रहा जातीय संघर्ष अभी भी थमा नहीं है। मई 2023 से अब तक 260 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। फरवरी 2024 में मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।
निष्कर्ष
इंटरनेट सेवाओं पर लगाया गया यह अस्थायी प्रतिबंध राज्य की नाजुक स्थिति को दर्शाता है, जहां शांति बनाए रखना प्रशासन की प्राथमिकता बन गया है। सरकार अब भी हालात को नियंत्रण में लाने और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए चौकस है।