अब सुनो दिल की बात—मॉनसून के बाद यानी सितंबर खत्म होते-होते वन्य जीवन में नई जान फूंकी जाएगी। MP से 7 बाघ-बाघिन हेलीकॉप्टर से राजस्थान में एयरलिफ्ट किए जाएंगे, और पूरे शिफ्टिंग का कारवां दिसंबर तक मुकंमल हो जाएगा। मतलब कि जयपुर, कोटा और बूंदी में जल्द गूँजेगा टाइगर रौ—जंगल में नया जीवन बसने वाला है।
होश संभालो, क्योंकि वन विभाग ने पूरी प्लानिंग कर ली है—प्रे-बेस यानि खाने का इंतज़ाम, स्पेशल एनक्लोजर, मेडिकल स्टाफ, हर चीज़ तैयार है। और केवल बाघ-बाघिन नहीं… तेंदुआ रेस्क्यू सेंटर भी बनाया जाएगा, जहां 25-30 तेंदुओं की सुरक्षित देखभाल होगी।
राजस्थान सरकार ने वन्यजीवों को स्लम नहीं, नया घर दिया जा रहा है—और वह भी पूरे स्टाइल में! यहां अपनी जड़ें मजबूत होने वाली हैं, जंगल हो जाएंगे ज़िंदगी से भरे और पर्यटकों की धड़कनों को कंपा देंगे।