राजस्थान के वन्यजीव प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है! रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में लंबे समय से प्रतीक्षित कोर ज़ोन टाइगर सफारी इस साल अक्टूबर से शुरू हो सकती है। यह राजस्थान के उन चुनिंदा टाइगर रिज़र्व्स में शामिल है जहां अब पर्यटकों को बाघों को उनके प्राकृतिक आवास में नजदीक से देखने का अवसर मिलेगा।
वन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, टाइगर कंजर्वेशन प्लान (TCP) की अंतिम समीक्षा पूरी हो चुकी है और इसे जल्द ही नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) से अंतिम मंजूरी मिलने की उम्मीद है। यह योजना बाघ संरक्षण, ईको-पर्यटन, वन्यजीव प्रबंधन और स्थानीय समुदायों की सहभागिता को ध्यान में रखते हुए तैयार की गई है।
🐅 क्या है खास रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में?
- कुल क्षेत्रफल: 1,501.89 वर्ग किलोमीटर
- कोर ज़ोन: 481.90 वर्ग किलोमीटर
- बफर ज़ोन: 1,019.98 वर्ग किलोमीटर
- वर्तमान बाघों की संख्या: 6
(2 वयस्क नर, 1 वयस्क मादा, 1 सब-अडल्ट नर और 2 शावक)
वन विभाग के अनुसार, शुरुआती चरण में नियंत्रित सफारी संचालन किया जाएगा, जिससे बाघों के प्राकृतिक व्यवहार पर असर ना पड़े और पर्यटकों को भी एक रोमांचक अनुभव मिले।
✅ क्या कहता है वन विभाग?
वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “TCP को NTCA की चार सदस्यीय समिति ने समीक्षा के बाद बिना किसी आपत्ति के पास किया है। अंतिम मंजूरी मिलते ही सफारी संचालन का रास्ता साफ हो जाएगा। यह रामगढ़ विषधारी में ईको-टूरिज्म के लिए एक नया अध्याय होगा।”