लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को एक बार फिर चुनाव आयोग (EC) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कर्नाटक की बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट पर हुए चुनाव को “बड़ा अपराध और चुनावी धोखाधड़ी (electoral fraud)” करार दिया है।
राहुल ने दावा किया कि इस सीट के तहत आने वाले महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में 1,00,250 वोट चोरी किए गए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस ने बेंगलुरु सेंट्रल की लगभग सभी विधानसभा सीटें जीतीं, सिर्फ महादेवपुरा को छोड़कर, जहां कथित गड़बड़ी हुई। कांग्रेस को इस सीट पर कुल 1,14,046 वोटों से हार मिली।
🧾 क्या कहा राहुल गांधी ने?
AICC मुख्यालय पर मीडिया को संबोधित करते हुए राहुल ने कहा:
“हमने महादेवपुरा क्षेत्र में एक विस्तृत डेटा स्टडी करवाई है। हमारी टीम ने चुनावी डेटा का विश्लेषण किया और यह पाया कि BJP और चुनाव आयोग की मिलीभगत से सिस्टमेटिक तरीके से वोटों की चोरी की गई।”
राहुल ने एक प्रेज़ेंटेशन के माध्यम से अपनी पार्टी की जांच रिपोर्ट साझा की, जिसमें बताया गया कि किस तरह से कथित रूप से फर्जी वोटिंग, बोगस नाम, और इलेक्ट्रॉल रोल में गड़बड़ी कर Bangalore Central सीट को कांग्रेस से छीना गया।
🔍 राहुल का आरोप किन बातों पर आधारित है?
कांग्रेस पार्टी द्वारा कराए गए “जांच” में जिन बिंदुओं को उठाया गया, उनमें शामिल हैं:
- 1,00,250 फर्जी वोटर्स की पहचान
- कई मतदाता जिनके नाम 2-3 बार वोटर लिस्ट में दर्ज थे
- कुछ वोटर्स ऐसे जिनके पते ही अस्तित्व में नहीं हैं
- वोटिंग पैटर्न में “असामान्य रूप से एकतरफा” ट्रेंड
🗳️ चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया का इंतजार
अब तक चुनाव आयोग की ओर से राहुल गांधी के इन आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि BJP नेताओं ने कांग्रेस के आरोपों को “बेसलेस” और “हताशा से प्रेरित” बताया है।
📌 राजनीतिक महत्व क्यों है इस आरोप का?
बेंगलुरु सेंट्रल लोकसभा सीट एक हाई-प्रोफाइल शहरी सीट मानी जाती है, जहां IT प्रोफेशनल्स और शहरी मध्यम वर्ग का वोट निर्णायक होता है। इस सीट पर हुई हार के बाद कांग्रेस ने अपनी रणनीति की समीक्षा की थी।
राहुल गांधी का यह आरोप न केवल ECI की निष्पक्षता पर सवाल खड़ा करता है, बल्कि यह BJP के खिलाफ एक नया नैरेटिव बनाने की भी कोशिश है — कि “चुनावों में जीत नहीं, धांधली से मिली है सत्ता”।
📣 आगे क्या?
राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि कांग्रेस इस मुद्दे को संसद से लेकर अदालत और जनता के बीच भी ले जा सकती है। उन्होंने कहा:
“यह सिर्फ एक सीट की बात नहीं है, यह भारत के लोकतंत्र की आत्मा पर हमला है।”