भारत ने ओवल में खेले गए पांचवें और निर्णायक टेस्ट मैच में इंग्लैंड को रोमांचक मुकाबले में 6 रन से हराकर पांच मैचों की श्रृंखला 2-2 से बराबर कर ली। यह जीत भारतीय टेस्ट इतिहास की सबसे करीबी जीतों में शुमार हो गई है।
🔥 मैच का रोमांच: अंतिम दिन बना इतिहास
भारत द्वारा दिए गए 374 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए इंग्लैंड की टीम 367 रनों पर ढेर हो गई। अंतिम दिन जब खेल शुरू हुआ, तब इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए थे और भारत को सिर्फ 4 विकेट।
- मोहम्मद सिराज ने शानदार गेंदबाज़ी करते हुए 5 विकेट झटके, जिनमें आखिरी विकेट के रूप में गस एटकिंसन को यॉर्कर पर क्लीन बोल्ड कर भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
- प्रसिद्ध कृष्णा ने भी निर्णायक भूमिका निभाई और 4 विकेट लिए।
- आकाश दीप को एक विकेट मिला।
🏏 मैच का स्कोर कार्ड (संक्षेप में):
पारी | स्कोर |
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भारत पहली पारी | 224 रन |
इंग्लैंड पहली पारी | 247 रन (23 रन की बढ़त) |
भारत दूसरी पारी | 396 रन |
इंग्लैंड दूसरी पारी | 367 रन |
भारत की जीत | 6 रन से |
💪 इंग्लिश बल्लेबाज़ों की चुनौती और भारतीय गेंदबाज़ों का धैर्य
- हैरी ब्रुक (111 रन, 98 गेंद) और जो रूट (105 रन) ने भारत के खिलाफ कड़ा संघर्ष किया।
- दोनों के बीच तीसरे विकेट के लिए 195 रनों की साझेदारी हुई, जिससे चौथे दिन के अंत तक इंग्लैंड मजबूत स्थिति में पहुंच गया था (6 विकेट पर 339 रन)।
- लेकिन पांचवें दिन भारतीय गेंदबाजों ने संयम और कौशल के साथ वापसी की।
जो रूट ने अपने टेस्ट करियर का 39वां शतक जड़ा, जो भारत के खिलाफ उनका 13वां टेस्ट शतक था। उन्होंने यह पारी दिवंगत खिलाड़ी ग्राहम थोर्प को समर्पित की।
🧠 रणनीति और जज्बे की जीत
- कप्तान शुभमन गिल की अगुवाई वाली युवा भारतीय टीम ने इस दौरे में शानदार प्रदर्शन किया।
- क्रिकेट पंडितों की भविष्यवाणी को नकारते हुए भारत ने अंतिम टेस्ट जीत कर सीरीज़ को बराबर किया।
- पहले टेस्ट में मिली हार के बाद भारत ने शानदार वापसी की, जो टीम की मानसिक मज़बूती और रणनीतिक अनुशासन को दर्शाती है।
📸 अंतिम क्षण की झलक
जैसे ही सिराज की यॉर्कर गेंद ने एटकिंसन के स्टंप्स उखाड़े, पूरा भारतीय खेमा खुशी से झूम उठा।
- सिराज मैदान में दौड़ते हुए चिल्लाए, और साथी खिलाड़ी उन्हें गले लगाने दौड़ पड़े।
- दर्शकों के बीच भी भारतीय फैंस का जोश चरम पर पहुंच गया।
📢 निष्कर्ष:
इस ऐतिहासिक टेस्ट मैच ने यह साबित कर दिया कि क्रिकेट सिर्फ खेल नहीं, जुनून है। भारत की यह जीत दबाव में खेली गई रणनीति, साहस और युवा नेतृत्व की मिसाल है। सीरीज़ भले ही बराबर रही, लेकिन इस जीत ने भारतीय टीम के आत्मविश्वास को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया।