शुभमन गिल की अगुआई में भारतीय टीम ने क्रिकेट इतिहास की सबसे करीबी टेस्ट जीत दर्ज करते हुए इंग्लैंड को ओवल टेस्ट में 6 रन से हराकर पांच मैचों की सीरीज को 2-2 से बराबरी पर खत्म किया। इस नाटकीय जीत के साथ एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी भी साझा हुई।
🔥 आखिरी दिन का रोमांच: सिराज बने नायक
374 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही इंग्लैंड की टीम 367 रन पर ऑलआउट हो गई।
- मोहम्मद सिराज ने अंतिम दिन 3 विकेट लेकर कुल 5 विकेट अपने नाम किए और भारत को ऐतिहासिक जीत दिलाई।
- मैच का अंतिम विकेट गस एटकिंसन का था, जिन्हें सिराज ने तेज यॉर्कर पर क्लीन बोल्ड कर दिया।
- क्रिस वोक्स, जो कि कंधा टूटने के बावजूद बल्लेबाजी करने आए, भारतीय गेंदबाजों की आंधी में नहीं टिक सके।
🧠 सिराज की redemption story
चौथे दिन सिराज ने हैरी ब्रुक का आसान कैच छोड़ दिया था, जो बाद में 111 रन की धमाकेदार पारी खेल गए।
लेकिन सिराज ने आलोचनाओं का जवाब शानदार गेंदबाजी से दिया और जीत का सूत्रधार बन गए।
🦁 प्रसिद्ध कृष्णा की वापसी
- प्रसिद्ध कृष्णा ने भी जबरदस्त वापसी की, चौथे दिन 3 अहम विकेट झटककर इंग्लिश मिडल ऑर्डर को तोड़ा।
- उन्होंने कुल 4 विकेट लिए और भारतीय बॉलिंग यूनिट को मजबूती दी।
📝 मैच का स्कोर सारांश:
पारी | स्कोर |
---|---|
भारत (1st पारी) | 224 रन |
इंग्लैंड (1st पारी) | 247 रन (23 रन की बढ़त) |
भारत (2nd पारी) | 396 रन |
इंग्लैंड (2nd पारी) | 367 रन |
भारत की जीत | 6 रन से |
🌟 मैच के अहम मोमेंट्स:
- हैरी ब्रुक (111) और जो रूट (105) ने तीसरे विकेट के लिए 195 रन की साझेदारी की।
- आकाशदीप ने रूट को आउट कर भारत को बड़ी राहत दी।
- आखिरी दिन की शुरुआत में इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए थे, लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने धैर्य और आत्मविश्वास से खेल को पलट दिया।
🧠 कप्तानी का कमाल: शुभमन गिल
कप्तान शुभमन गिल ने पहली बार एक पूरी टेस्ट सीरीज में नेतृत्व करते हुए संयम, रणनीति और युवा खिलाड़ियों को प्रेरणा दी।
उनकी कप्तानी में भारत ने न केवल हार की कगार से वापसी की, बल्कि श्रृंखला को बराबरी पर खत्म करके आलोचकों को चुप करा दिया।
🏆 एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी साझा
सीरीज 2-2 से बराबर रहने के चलते दोनों देशों को एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी संयुक्त रूप से मिली।
यह इंग्लैंड की धरती पर भारत की एक साहसी और ऐतिहासिक उपलब्धि है।
📣 निष्कर्ष:
इस टेस्ट मैच ने न केवल क्रिकेट प्रेमियों को रोमांचित किया, बल्कि यह दिखा दिया कि युवा टीमों में अगर साहस, संयम और आत्मविश्वास हो तो वे किसी भी परिस्थिति से वापसी कर सकती हैं।
ओवल में मिली इस जीत ने मोहम्मद सिराज को हीरो बना दिया और भारत को टेस्ट इतिहास की सबसे स्मरणीय जीतों में से एक दे दी।