भारत को धमकी देना बंद करें” रूसी तेल पर ट्रंप की चेतावनी के बाद अमेरिका को निशाने पर लिया भारत, रूस और निक्की हेली ने

india

🌍 अमेरिका की नई टैरिफ चेतावनी पर भारत का सख्त जवाब

पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर नए टैरिफ (शुल्क) लगाने की धमकी के बाद अंतरराष्ट्रीय राजनीति में खलबली मच गई है। ट्रंप ने भारत की रूस से तेल खरीद को लेकर कहा कि:

“यूक्रेन में लोगों की हत्या हो रही है और भारत रूसी तेल खरीद रहा है। इसी वजह से मैं भारत पर टैरिफ को बहुत ज्यादा बढ़ाऊंगा।”

यह बयान Truth Social पर सोमवार को दिया गया था।


🇺🇸 हेली ने भारत के समर्थन में उठाई आवाज

निक्की हेली, जो स्वयं भारतीय मूल की हैं और 2024 की अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारों में थीं, ने ट्रंप की नीति की आलोचना करते हुए लिखा:

“भारत को रूस से तेल नहीं खरीदना चाहिए, लेकिन चीन — जो हमारा दुश्मन है — उसे 90 दिनों की टैरिफ छूट दे दी गई। अगर आप चीन को छूट देते हैं तो भारत जैसे मजबूत सहयोगी को क्यों दंडित कर रहे हैं?”

हेली ने अमेरिका की नीति में दोहरे मापदंड (double standards) की ओर इशारा किया और कहा कि भारत को सजा देना रणनीतिक रूप से गलत कदम होगा।


🇮🇳 भारत ने जताई नाराजगी: “दोहरे मानदंड अब नहीं चलेंगे”

भारत सरकार ने इस चेतावनी पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा:

“अमेरिका और यूरोपीय संघ का रूस से व्यापार का इतिहास रहा है। ऐसे में भारत को टार्गेट करना पूरी तरह से अनुचित और अन्यायपूर्ण है।”

भारत ने ये भी स्पष्ट किया कि उसकी ऊर्जा सुरक्षा और राष्ट्रीय हित उसके निर्णयों का आधार हैं, और रूस से तेल खरीद कोई अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन नहीं है।


🇷🇺 रूस ने भी भारत का बचाव किया

क्रेमलिन प्रवक्ता दिमित्री पेसकोव ने भी इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा:

“हम ऐसे बयानों को धमकी के रूप में देखते हैं जो हमारे व्यापारिक साझेदारों को रूस से संबंध तोड़ने के लिए मजबूर करते हैं। ऐसे बयान कानूनी नहीं हैं और इनका हम विरोध करते हैं।”

रूस का यह बयान साफ इशारा करता है कि वह भारत के साथ मजबूत रणनीतिक और व्यापारिक संबंध बनाए रखने के पक्ष में है।


📌 राजनीतिक विश्लेषण

  • अमेरिका में चुनावी माहौल गरम है और ट्रंप का यह बयान आंतरिक वोट बैंक को साधने के लिए भी माना जा रहा है।
  • भारत, रूस से छूट वाले दामों पर तेल खरीद रहा है, जिससे उसकी ऊर्जा लागत कम हुई है।
  • ट्रंप के इस रुख से भारत-अमेरिका रणनीतिक साझेदारी को चोट पहुँच सकती है, खासकर जब Indo-Pacific क्षेत्र में चीन का प्रभाव बढ़ रहा हो।

🧭 निष्कर्ष

जहां एक ओर अमेरिका और यूरोप यूक्रेन युद्ध को लेकर कड़े रुख के साथ आगे बढ़ रहे हैं, वहीं भारत ने अपने संप्रभु हितों को प्राथमिकता देते हुए स्पष्ट कर दिया है कि वह किसी भी दबाव में झुकने वाला नहीं है।

निक्की हेली का समर्थन, रूस की चेतावनी और भारत की सख्त प्रतिक्रिया — ये सभी संकेत करते हैं कि ट्रंप की टैरिफ धमकी केवल बयानबाज़ी न रह जाए, इसके दूरगामी कूटनीतिक परिणाम हो सकते हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *