RGUHS अपनाएगा ‘Anti‑Suicide Ceiling Fans’ – हॉस्टल में छात्रों की सुरक्षा के लिए नया तकनीकी कदम

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📰 ताज़ा अपडेट (6 अगस्त 2025)

  • राजीव गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस (RGUHS) ने कर्नाटक की सभी मेडिकल कॉलेजों के हॉस्टलों में anti‑suicide डिवाइस वाले ceiling fans लगाने का प्रस्ताव रखा है। यह निर्णय Mandya Institute of Medical Sciences (MIMS) में दो छात्रों की आत्महत्या के बाद लिया गया है ।
  • RGUHS की Curriculum Development Cell के प्रमुख डॉ. संजीव और उनकी टीम ने जुलाई के अंत में MIMS का दौरा किया और सुरक्षा उपायों की समीक्षा और सुझाव पर चर्चा की ।

⚙️ डिवाइस कैसे सुरक्षितता सुनिश्चित करेगा?

  • प्रस्तावित anti‑suicide डिवाइस में एक विशेष spring-loaded mechanism है: यदि पंखे पर तय सीमा से अधिक वजन लटका दिया जाए तो वह hook से अलग हो जाता है जिससे आत्महत्या प्रयास रुक जाता है।
  • साथ ही, एक siren भी बजता है, जिससे हॉस्टल अथॉरिटीज़ को तुरंत सूचना मिलती है और समय रहते मानसिक समर्थन दिया जा सकता है।

📍 MIMS में शुरू हुई परीक्षण प्रक्रिया

  • MIMS हॉस्टल रूम्स में इस antisuicide fan डिवाइस का प्रायोगिक परीक्षण किया जा चुका है।
  • यह निर्णय भारत में हाल ही में बढ़ रहे छात्र आत्महत्याओं की श्रृंखला के मद्देनज़र और अधिक आवश्यक हो गया है।

🧠 गंभीर प्रवृत्ति – गंभीर प्रतिक्रिया

  • 30 जुलाई को Koppal जिले के एक मेडिकल छात्र Bharat की मौत हुई। केवल कुछ दिनों बाद, 2 अगस्त को BSc नर्सिंग छात्र Nishkala ने उसी संस्थान में आत्महत्या की → इसने RGUHS को आपात निर्णय लेने पर मजबूर किया ।
  • यह घटनाएं कर्नाटक के मेडिकल कॉलेजों में शैक्षणिक तनाव, मानसिक अलगाव और असमर्थन की चिंताजनक प्रवृत्ति को उजागर करती हैं ।

⚖️ तकनीक से समाधान, लेकिन याद रहे – जड़ मुद्दे का समाधान नहीं

✅ इस कदम की सार्थकता:

  • यह सिस्टम विशेष रूप से impulsive suicide attempts को रोकने में सहायक हो सकता है—जहां मन के विकार से अधिक मौका तत्काल प्रतिक्रिया में रुकने का होता है।
  • जैसे IIT Kharagpur में भी इसी तरह के spring-fitted fan विकल्पों पर काम चल रहा है, जिसे एक आपातकालीन कदम माना गया है—not total cure but a critical pause mechanism ।

❌ परंतु, यह पर्याप्त नहीं:

  • Reddit पर उपयोगकर्ताओं ने ईमानदारी से सवाल उठाए हैं:

“It’s a mere band‑aid that does not address the root cause.”
“They have anti hanging system but no system to prevent this from happening in first place.”

  • अनेक Stimmen यह सुझाव देते हैं कि counseling, peer support, परिवार और संस्थागत मानसिक स्वास्थ्य पहलें ज़रूरी हैं – केवल तकनीकी उपाय ही पर्याप्त नहीं।

📌 निष्कर्ष:

RGUHS का यह सुरक्षा पहल छात्रों की जान बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण त्वरित उपाय है जो हालिया घटनाओं से प्रेरित है।
लेकिन, इसे पूर्ण समाधान नहीं बल्कि एक रोकथाम तकनीकी टूल माना जाना चाहिए।

इसके साथ ही, संस्थागत रूप से चाहिए:

  • नियमित मानसिक स्वास्थ्य स्क्रीनिंग
  • प्रशिक्षित काउंसलर
  • तनाव-निवारण कार्यशालाएँ
  • हॉस्टल वर्कशॉप और छात्रों के लिए हेल्पलाइन

अगर आप जानना चाहें कि देशभर में अन्य संस्थानों ने इस दिशा में क्या प्रयास किए हैं या ऐसे उपायों पर विशेषज्ञों की क्या प्रतिक्रिया रही है, तो बताइए — मैं और विश्लेषण प्रदान कर सकता हूँ।

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