अमेरिका ने भारत पर 50% टैरिफ लागू किया – ट्रम्प ने बढ़ाया दबाव, भारत ने कड़ा जवाब

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🗞️ लाइव अपडेट (6–8 अगस्त 2025)

⚖️ अतिरिक्त 25% टैरिफ से संयुक्त दर हुई 50%

  • अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने एक कार्यकारी आदेश जारी करते हुए भारत के आयात पर 25% अतिरिक्त टैरिफ लगाया, जिससे कुल सीमा शुल्क 50% पहुँच गया ।
  • यह कदम भारत के रूस से तेल खरीद जारी रखने पर प्रतिक्रिया में उठाया गया था ।
  • नया टैरिफ 21 दिनों बाद, यानी 27 अगस्त 2025 से लागू होगा, जिससे कूटनीतिक बातचीत के लिए संभावित रास्ता खुला है ।

🇮🇳 भारत का कड़ा रुख

  • भारत सरकार ने इस कदम को “unfair, unjustified” बताया और स्पष्ट किया कि ऊर्जा सुरक्षा की दृष्टि से यह क्रियाकलाप आवश्यक थे ।
  • वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि भारत निर्यातकों, MSMEs, किसानों की हित रक्षा करते हुए राष्ट्रीय हित पहले रखेगा और निर्यात संभालने के लिए व्यापार बातचीत जारी है ।

📉 व्यापारिक प्रभाव और अर्थशास्त्रीय प्रतिक्रिया

  • घोषणा के बाद कई उद्योगों में चिंता है, विशेषतः जेम्स & ज्वेलरी, टेक्सटाइल्स, चमड़ा, और एमएसएमई-आधारित निर्यात प्रभावित होंगे ।
  • ICICI के मुख्य अर्थशास्त्री ने चेताया कि इससे FY26 GDP वृद्धि 40‑50 बिंदुओं तक प्रभावित हो सकती है, जबकि HDFC के Sakshi Gupta ने भी इसी तरह की गिरावट दर्शाई है ।
  • फिर भी, कुल निर्यात लगभग 2% PIB के बराबर है, जिससे समग्र आर्थिक प्रभाव सीमित रहने की उम्मीद है ।

💬 राजद नेता तेजस्वी यादव का तीखा हमला

  • तेजस्वी यादव ने X (पूर्व Twitter) पर लिखा कि “50% टैरिफ classic trade bullying है”—PM मोदी, FM जयशंकर और कॉमर्स मंत्री पियूष गुयाल को कड़े रुख पर नहीं जाने के लिए निराश माना ।

🇧🇷 अन्य देशों की प्रतिक्रिया

  • ब्राज़ील ने WTO से शिकायत की है और समीक्षा की मांग की है—यूएस द्वारा लगाए गए टैरिफ को हटाने की गुहार लगाई गई है ।

🔎 सटीक विश्लेषण और प्रभाव

विषयसंक्षिप्त सार
टैरिफ संरचनावर्तमान में 25% + 25% = 50% टैरिफ, अगस्त 27 से लागू
प्रभावित क्षेत्रज्वेलरी, टेक्सटाइल्स, चमड़ा, एमएसएमई निर्यात प्रमुख रूप से प्रभावित
आर्थिक जोखिमGDP वृद्धि में संभावित 0.3–0.5% की गिरावट
भारत की रणनीतिराष्ट्रीय हित, निर्यात संरक्षण, व्यापार वार्ता मजबूत करना
लंबी अवधि की चुनौतियाँनिर्यात बाज़ारों का डायवर्सिफिकेशन और FTA नेटवर्क विस्तार आवश्यक

🌐 प्रतिक्रिया और आगे की राह

  • भारतीय औद्योगिक जगत ने आश्वासन जताया कि यह टैरिफ सतवीक बाजारों को खोजने की दिशा में प्रवर्तित कर सकता है—notwithstanding short‑term pain, long‑term resilience critical है ।
  • भारत और यूएस के बीच व्यापार वार्ता अब और तेज हुई है; भारत पहले भी कई अमेरिकी वर्गों पर टैरिफ कटौती की पेशकश कर चुका है, जिससे एक पार्ट‑वान्ड‑पार्ट इक्विटी‑बेस्ड ट्रांसलेटनल डील की संभावना बनी है ।

🧭 निष्कर्ष

पिछले सप्ताह ट्रम्प प्रशासन द्वारा लागू किए गए 50% टैरिफ एक रणनीतिक व्यापार विवाद की नई ऊँचाई पर ले गए हैं जो राष्ट्रीय सुरक्षा के हवाले से उठाया गया कदम है।

भारत ने शांतिपूर्ण राह चुनते हुए यह घोषणा की है कि वह अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं और राष्ट्रीय हितों के अनुरूप निर्णय करता रहेगा, साथ ही बढ़ते व्यापार दबाव का सामना करने के लिए व्यापार और बाहरी बाजार रणनीतियों को मजबूत करेगा।

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