जल्लियाँवाला बाग का सच और एक वकील की बगावत” — अब JioHotstar पर फ्री में देखें ‘केसरी चैप्टर 2

धर्मा प्रोडक्शंस के बैनर तले बनी बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘केसरी चैप्टर 2’ अब JioHotstar पर स्ट्रीमिंग के लिए उपलब्ध है और वह भी बिल्कुल मुफ्त!

करण सिंह त्यागी द्वारा निर्देशित और अक्षय कुमार द्वारा अभिनीत यह फिल्म एक सच्ची घटना पर आधारित है, जिसमें दिखाया गया है कि सी. शंकरण नायर कैसे ब्रिटिश शासन के खिलाफ खड़े होते हैं और जालियांवाला बाग हत्याकांड की सच्चाई को उजागर करते हैं।


⚖️ कहानी में क्या है खास?

फिल्म एक दमदार कोर्टरूम ड्रामा है, जिसमें भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक सच्चे नायक की आवाज को पर्दे पर जीवंत किया गया है। अक्षय कुमार इस बार किसी एक्शन अवतार में नहीं, बल्कि एक वीर वकील के रूप में नजर आते हैं, जो न्याय के लिए ब्रिटिश साम्राज्य से टकराते हैं।

फिल्म में दिखाया गया है कि जब अंग्रेज सरकार ने शंकरण नायर से जालियांवाला बाग हत्याकांड पर रिपोर्ट मांगी, तो उन्हें उम्मीद थी कि वे ब्रिटिश पक्ष का समर्थन करेंगे। लेकिन नायर की आत्मा और सच्चाई के प्रति निष्ठा ने उन्हें ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ मुकदमा दायर करने को मजबूर कर दिया।


🎭 शानदार अभिनय और दमदार संवाद

फिल्म के कलाकारों ने प्रभावशाली प्रदर्शन किया है, खासतौर पर अक्षय कुमार ने शंकरण नायर की भूमिका को बेहद ईमानदारी और गहराई से निभाया है। कोर्टरूम में दिए गए उनके तीखे संवाद और ब्रिटिश अधिकारियों से बहस करते हुए उनकी दृढ़ता दर्शकों के रोंगटे खड़े कर देती है।

साथ ही, फिल्म में ऐतिहासिक घटनाओं का सजीव चित्रण, मजबूत स्क्रीनप्ले और भावनाओं का संतुलन इसे एक इमोशनल, इंटेंस और विचारोत्तेजक फिल्म बनाता है।


📅 कब और कहां देखें?

  • फिल्म का नाम: केसरी चैप्टर 2
  • स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म: JioHotstar
  • स्ट्रीमिंग डेट: अब उपलब्ध
  • खास बात: यह फिल्म बिल्कुल मुफ्त में देखी जा सकती है — किसी सब्सक्रिप्शन की जरूरत नहीं।

🎬 क्या आपने ट्रेलर देखा?

फिल्म का ऑफिशियल ट्रेलर पहले ही यूट्यूब और सोशल मीडिया पर धमाल मचा चुका है, जिसमें अक्षय कुमार का जोशीला अवतार और अदालती ड्रामा की झलकियां दर्शकों को रोमांचित कर रही हैं।


एक फिल्म नहीं, एक आंदोलन है ‘केसरी चैप्टर 2’

यह फिल्म केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि आज़ादी की लड़ाई के उन सच्चे नायकों को श्रद्धांजलि है जिनके बारे में इतिहास की किताबों में कम लिखा गया है। शंकरण नायर की कहानी हमें याद दिलाती है कि कभी-कभी कलम और कानून, तलवार से भी ज्यादा धारदार साबित हो सकते हैं।

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