पणजी, गोवा:
गोवा के स्वास्थ्य मंत्री विश्वजीत राणे द्वारा गोवा मेडिकल कॉलेज (GMC) के मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रुद्रेश कुट्टिकार को अचानक निलंबित किए जाने के बाद प्रदेश में विवाद भड़क उठा। यह निलंबन एक वरिष्ठ पत्रकार की शिकायत के बाद किया गया, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनकी सास को विटामिन B12 का इंजेक्शन देने से मना कर दिया गया और डॉ. कुट्टिकार ने दुर्व्यवहार किया।
शिकायत मिलने पर मंत्री राणे मीडिया के साथ GMC के आकस्मिक चिकित्सा विभाग में अचानक पहुंचे और वहीं सार्वजनिक रूप से डॉ. कुट्टिकार को फटकार लगाते हुए उनका तत्काल निलंबन आदेशित कर दिया। उन्होंने डॉक्टर पर “अहंकारी व्यवहार” का आरोप लगाया।
घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होते ही जनाक्रोश फैल गया। चिकित्सा समुदाय, राजनेताओं, सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों ने डॉक्टर का इस तरह सार्वजनिक अपमान किए जाने की तीखी आलोचना की।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA), गोवा शाखा ने इस कार्रवाई को अनुचित बताया और कहा कि प्रशासनिक प्रक्रियाओं का पालन नहीं किया गया। उन्होंने यह भी कहा कि डॉ. कुट्टिकार को अपनी बात रखने का मौका तक नहीं दिया गया।
बढ़ते विवाद और जनदबाव के बीच मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने मामले में हस्तक्षेप किया और रविवार को डॉ. कुट्टिकार का निलंबन रद्द करने की घोषणा की। उन्होंने कहा, “सरकार अपने स्वास्थ्यकर्मियों की सेवा का सम्मान करती है और उनके साथ खड़ी है। मामले की जांच आगे जारी रहेगी, लेकिन डॉ. कुट्टिकार निलंबन में नहीं रहेंगे।”
इस फैसले को चिकित्सा क्षेत्र और जनता ने न्याय और प्रक्रियागत मर्यादा की जीत के रूप में सराहा है। साथ ही यह मांग भी उठी है कि स्वास्थ्यकर्मियों की गरिमा की रक्षा करते हुए जवाबदेही की प्रक्रिया निष्पक्ष और पारदर्शी होनी चाहिए।