भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) ने मार्केट एक्सपर्ट और पूर्व IIFL सिक्योरिटीज डायरेक्टर संजीव भसीन समेत 11 अन्य लोगों को शेयर बाजार में हेरफेर (front‑running) के आरोप में प्रतिबंधित कर दिया है। साथ ही, उनके ₹11.37 करोड़ के अवैध लाभ जब्त करने का निर्देश भी जारी किया गया है ।
🔍 क्या है आरोप?
SEBI की जांच में पाया गया कि भसीन:
- मीडिया चैनलों (Zee Business, ET Now) और IIFL के Telegram पर शेयर “Buy Recommendation” देने से पहले खुद खरीदारी करते थे।
- जैसे ही कीमतें बढ़तीं, वे बड़े पैमाने पर बेचकर मुनाफा कमाते थे।
- इस तरह उन्होंने ₹11.3 करोड़ से अधिक अवैध लाभ कमाए ।
- SEBI ने इसे PFUTP नियम और रिसर्च एनालिस्ट दिशानिर्देशों का उल्लंघन बताया ।
🕵️♂️ जांच का असर:
- SEBI ने 149 पेज के इंटरिम आदेश में पाया कि भसीन यह सब मार्च 2020 से जून 2024 तक कर रहे थे ।
- ललित भसीन (कज़िन) और आशीष कपूर (RRB Master Securities MD) भी जांच के घेरे में हैं ।
- राजीव कपूर और जगत सिंह जैसे डीलर भी दोषी पाए गए, जिन्होंने भसीन के निर्देश पर ट्रेडिंग की ।
🛡️ SEBI का निर्देश
- सभी आरोपियों पर सेक्योरिटीज मार्केट में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी गई है।
- उनका बैंक और डीमैट खाता फ्रीज़ कर दिया गया है।
- उन्हें ₹11.37 करोड़ अवैध लाभ जमा करने के निर्देश के साथ एक FIXED DEPOSIT खाते खोलने को कहा गया है ।
- आरोपी 21 दिनों के भीतर जवाब दर्ज कर सकते हैं ।
👥 संजीव भसीन कौन हैं?
- टीवी और सोशल मीडिया पर सक्रिय रहे, और Retail Investors में विशेष लोकप्रियता रखते थे ।
- सूत्रों के अनुसार, पकड़े गए व्हाट्सएप चैट और ऑडियो दी उनके रणनीतिक गिरोह का खुलासा किया ।
💡 विशेषज्ञों का कहना
विशेषज्ञों का मानना है कि यह मामला ग्राउंडब्रेकिंग फ्रंट‑रनिंग स्कैम है, जो कमर्शियल न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया की विश्वसनीयता को भी चुनौती देता है। अब बाजार में साफ‑सफाई और भरोसे को बहाल करना ही SEBI की प्राथमिकता होना चाहिए ।
🧾 निष्कर्ष
SEBI की यह कार्रवाई न सिर्फ संजीव भसीन जैसे नामी विशेषज्ञों के खिलाफ सख्त संदेश है, बल्कि यह शेयर बाजार में पारदर्शिता और अनुशासन बनाए रखने की दिशा में प्रमुख कदम भी है। अब सवाल है—क्या इससे बाजार की विश्वसनीयता जगजाहिर होगी, या फिर नए विवाद उभरेंगे?