अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव के बीच अब एक बड़ा दावा सामने आया है। अमेरिका के रक्षा मंत्री (पेंटागन प्रमुख) लॉयड ऑस्टिन ने कहा है कि हाल ही में ईरान पर किए गए अमेरिकी हवाई हमलों ने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को भारी क्षति पहुंचाई है। उन्होंने इस हमले को “रणनीतिक जवाबी कार्रवाई” बताया और कहा कि यह कदम क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने के लिए उठाया गया।
🔥 क्या कहा पेंटागन प्रमुख ने?
लॉयड ऑस्टिन ने वाशिंगटन में प्रेस ब्रीफिंग के दौरान कहा:
“हमने ईरान के कुछ अहम सैन्य और परमाणु ठिकानों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया है। इससे उनका परमाणु कार्यक्रम कई साल पीछे चला गया है।”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अमेरिका का यह हमला आत्मरक्षा में किया गया था और यह ईरान द्वारा इस्राइल और अमेरिकी ठिकानों पर हमलों की प्रतिक्रिया थी।
🚀 किन ठिकानों पर हुआ हमला?
सूत्रों के अनुसार, अमेरिकी ड्रोन और मिसाइल हमलों ने ईरान की राजधानी तेहरान, इस्फहान और क़ोम जैसे प्रमुख शहरों में स्थित रहस्यमयी सैन्य और परमाणु स्थलों को निशाना बनाया। इन हमलों में:
- IRGC (ईरान की रिवोल्यूशनरी गार्ड) के ठिकाने
- परमाणु रिसर्च फैसिलिटी
- मिसाइल लॉन्च साइट्स
को भारी नुकसान पहुंचा है।
🌍 अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- संयुक्त राष्ट्र ने इस संघर्ष को लेकर चिंता जताई है और संयम बरतने की अपील की है।
- रूस और चीन ने अमेरिका की कार्रवाई को “उकसावे वाला कदम” करार दिया है।
- वहीं इजराइल ने अमेरिकी हमले का समर्थन करते हुए कहा कि “ईरान को उसकी हरकतों का मुंहतोड़ जवाब मिल गया है।”
⚠️ क्या बढ़ेगा युद्ध का खतरा?
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह हमला मध्य पूर्व में तनाव को और भड़का सकता है। खासकर जब ईरान ने भी इस हमले का जवाब देने की चेतावनी दी है। ईरानी रक्षा मंत्रालय ने कहा है:
“हम अपने वैज्ञानिकों और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।”