विधान सौध में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और देवनहल्ली के किसानों के बीच बैठक बेनतीजा रही, सरकार ने विशेषज्ञों से परामर्श के लिए मांगा अतिरिक्त समय
देवनहल्ली तालुक के किसानों और कर्नाटक सरकार के बीच लंबे समय से चल रहे भूमि अधिग्रहण विवाद को लेकर 4 जुलाई, 2025 को विधान सौध में एक अहम बैठक आयोजित की गई। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, देवनहल्ली तालुक के स्थानीय नेताओं, 13 गांवों के किसानों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ इस बैठक में शामिल हुए। हालांकि यह बैठक भी किसी ठोस निर्णय के बिना समाप्त हो गई।
1,777 एकड़ भूमि अधिग्रहण पर किसानों का विरोध बरकरार
देवनहल्ली के चन्नारायपटना होबली क्षेत्र के 13 गांवों के किसान पिछले 1,185 दिनों से लगातार एयरोस्पेस पार्क परियोजना के तहत 1,777 एकड़ भूमि के अधिग्रहण का विरोध कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि इस परियोजना को रद्द किया जाए क्योंकि यह उनकी आजीविका, पर्यावरण और पारंपरिक कृषि पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगा।
सरकार ने मांगा 10 दिन का समय
बैठक के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने बयान जारी करते हुए कहा कि भूमि अधिग्रहण को लेकर कई कानूनी अड़चनें हैं। इन पर विशेषज्ञों से सलाह लेने और सभी पहलुओं की समीक्षा करने के लिए सरकार ने 10 दिन का समय मांगा है। अंतिम निर्णय उसके बाद ही लिया जाएगा।
किसानों में गहरा असंतोष
बैठक के बाद किसान प्रतिनिधियों ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि सरकार केवल समय बर्बाद कर रही है। “हम तीन साल से अधिक समय से संघर्ष कर रहे हैं। अब हम केवल आश्वासनों से संतुष्ट नहीं होंगे,” एक किसान नेता ने कहा।
अगला कदम क्या होगा?
किसान संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार 10 दिनों के भीतर स्पष्ट निर्णय नहीं लेती, तो वे आंदोलन तेज करेंगे और राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन की तैयारी करेंगे।
निष्कर्ष:
देवनहल्ली एयरोस्पेस पार्क परियोजना अब कर्नाटक सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनती जा रही है। एक तरफ औद्योगिक विकास का दबाव है, वहीं दूसरी तरफ हक और ज़मीन के लिए लड़ते किसान। आने वाले 10 दिन तय करेंगे कि सरकार किसानों की आवाज़ सुनेगी या विकास की दौड़ में उन्हें पीछे छोड़ देगी।