क्या शुभमन गिल ने देर से की थी डिक्लेरेशन? कोच मोर्ने मोर्कल ने किया खुलासा
भारत बनाम इंग्लैंड टेस्ट सीरीज के पहले मुकाबले में शुभमन गिल की कप्तानी की जमकर चर्चा हो रही है। खासकर दूसरी पारी में भारत की डिक्लेरेशन (पारी घोषित करने) को लेकर कई विशेषज्ञों और फैंस ने सवाल उठाए कि क्या गिल ने डिक्लेरेशन देर से की?
अब टीम इंडिया के बॉलिंग कोच मोर्ने मोर्कल ने इस फैसले पर सफाई दी है और बताया है कि आखिर टीम मैनेजमेंट ने यह फैसला क्यों लिया।
🗣️ मोर्ने मोर्कल ने क्या कहा?
कोच मोर्कल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा:
“हमने पिच की स्थिति, मौसम की रिपोर्ट और इंग्लैंड की मजबूत बल्लेबाजी को ध्यान में रखते हुए यह फैसला लिया। हमारा मकसद उन्हें ऐसी स्थिति में डालना था जहां वे दबाव में खेलें, और हम मैच को अंतिम दिन तक खींचकर जीत की संभावना बनाए रखें।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि
“अगर हमने जल्दी डिक्लेरेशन की होती और इंग्लैंड को सेट होने का मौका मिल जाता, तो हमारे लिए खतरा और बढ़ जाता।“
📉 विशेषज्ञों की मिली-जुली राय
- कुछ पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि भारत को करीब 20-25 ओवर पहले पारी घोषित कर देनी चाहिए थी, जिससे इंग्लैंड पर दबाव जल्दी बनता।
- वहीं, कुछ अन्य यह तर्क दे रहे हैं कि गिल का फैसला सोच-समझकर लिया गया था, ताकि भारत की जीत की संभावनाएं बनी रहें।
📌 निष्कर्ष
शुभमन गिल की कप्तानी में यह पहला बड़ा फैसला था, जिस पर बहस हो रही है। लेकिन कोच मोर्ने मोर्कल के बयान से यह साफ हो गया है कि डिक्लेरेशन कोई इमोशनल फैसला नहीं, बल्कि रणनीतिक योजना का हिस्सा था। अब देखना यह है कि भारत इस रणनीति का कितना फायदा उठा पाता है।