घर वापसी की राहत म्यांमार नागरिक लौटे मिजोरम से अपने गांव

म्यांमार

संघर्ष के बाद शांति की झलक

  • म्यांमार के चिन स्टेट में दो सशस्त्र गुट—CDF-Hualngoram और CNDF—के बीच 5 जुलाई को तेज़ संघर्ष शुरू हुआ। इससे सीमा के गांव खावमावी और रीहखॉदर के लगभग 2,845 लोग मिज़ोरम के चंपई ज़िले में आए थे ।
  • 13 जुलाई 2025 को 24 घंटे की बेहद अस्थायी संघर्ष विराम के चलते, करीब 2,400–2,500 शरणार्थी ज़ोखौथर सहित अन्य इलाकों से वापस अपने गाँवों में लौटने लगे ।

🙌 लौटाव और सहायताएँ

  • ज़ोखौथर ग्रामाध्यक्ष लालदिनथारा ने बताया कि पुलिस व असम राइफल्स की निगरानी में नियमित रूप से लोगों को भेजा गया। स्थानीय नागरिकों द्वारा भोजन और इमरजेंसी सुविधा भी उपलब्ध कराई गई ।
  • मिज़ोरम सरकार और सीएम सलाहकार ललमुआनपुइआ पुन्टे ने 6 जुलाई को सीमा पार जाकर शांति स्थापना में हिस्सा लिया था ।

⚠️ अभी भी चिंता बरक़रार

  • दक्षिण चंपई ज़िले के साइखुंफाई, वेफाई, फरकॉन इलाकों में स्थित करीब 850 शरणार्थी अभी भी रुकने को मजबूर हैं क्योंकि Chin National Army (CNA) उनका वापसी रोक रहा है ।
  • दोनों पक्षों के बीच कोई स्थायी समझौता नहीं हुआ है, और सीमा पर तनाव बरकरार है ।

🔐 मिज़ोरम की सुरक्षा सतर्कता

  • हिंसा के बाद मिज़ोरम पुलिस और असम राइफल्स ने सीमा सुरक्षा कड़ी कर दी, ताकि स्थिति बिगड़े तो तुरंत नियंत्रण हो जाए ।
  • यंग मिजो एसोसिएशन समेत स्थानीय नागरिक संगठनों ने भी शरणार्थियों को राहत सामग्री उपलब्ध कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।

✅ निष्कर्ष

  • इस संघर्ष विराम की बदौलत बड़ी संख्या में म्यांमार नागरिकों ने सुरक्षित घर वापसी की है।
  • लेकिन 850 लोग अब भी मिज़ोरम में फंसे हुए हैं और स्थायी समाधान का इंतज़ार कर रहे हैं।
  • मिज़ोरम और म्यांमार दोनों पक्षों से औपचारिक शांति समझौते की उम्मीद है, ताकि भविष्य में ऐसी विस्थापन की घटनाएँ न हों।

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