चित्रकूट व आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश और मंदाकिनी नदी के उफान के कारण जनजीवन प्रभावित हुआ है। विशेष रूप से सीतापुर के कस्बा सीतापुर में जलभराव से 23 लोग फंसे थे। SDRF की टीम ने सेनानायक डॉ. सतीश कुमार के नेतृत्व में सूचनाएं मिलने पर तुरंत बचाव अभियान शुरू किया। अपनी आधुनिक मोटरबोट, लाइफ जैकेट और लाइफ रिंग्स की मदद से उन्होंने महिलाओं, पुरुषों और बच्चों सहित इन सभी को सुरक्षित निकाला और राहत शिविरों तक पहुंचाया।
इन 23 लोगों में शामिल हैं बुजुर्ग संगीता, भाग्यवंती, हेमराज और कसूरी बाई, साथ ही 13 से 28 वर्ष के कई युवा भी थे । सभी को प्राथमिक चिकित्सा देकर नजदीकी राहत शिविरों में भेजा गया। SDRF की यह विशेष टीम प्राकृतिक और मानवजनित आपदाओं से निपटने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित है और बाढ़ जैसी परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता रखती है ।
📌 नवीनतम स्थिति अपडेट:
- पिछले 24–36 घंटों में चित्रकूट और आसपास के क्षेत्रों में भारी बारिश हुई, जिसके कारण मंदाकिनी नदी उफान पर आ गई। रामघाट, भरतघाट और जानकी-कुंड सहित कई इलाकों में जलभराव हुआ ।
- चित्रकूट में “नावों पर चलने वाली” सड़कों की स्थिति बन गई, श्रद्धालु व स्थानीय लोग फंसे। प्रशासन और स्थानीय लोगों की मदद से उन्हें सुरक्षित स्थानों तक पहुंचाया गया ।
- स्थानीय प्रशासन, SDRF, NDRF और पुलिस-स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त टीमें प्रभावित जगहों पर सतर्क और सक्रिय हैं। राहत केंद्रों में भोजन, पेयजल, प्राथमिक चिकित्सा व टेंट लगाकर आश्रय की पूरी व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है ।
🛡️ एसडीआरएफ की बचाव कारगुजारी के मुख्य हाइलाइट्स:
- जलमग्न इलाकों में तुरंत पहुंचकर बचाव अभियान का नेतृत्व।
- सभी पास-पड़ोस के घरों से फंसे दर्जनों नागरिकों को सुरक्षित निकाला गया।
- बचाए गए पीड़ितों को राहत शिविर में प्राथमिक चिकित्सा और आश्रय उपलब्ध कराया गया।
🔔 प्रशासन का अलर्ट संदेश:
- प्रशासन ने बाढ़ संभावित इलाकों में राहत केंद्र जारी रखे हैं, जहाँ भोजन, पेयजल, मेडिकल सुविधा, बिजली और शौचालय उपलब्ध हैं ।
- स्थानीय तहसीलदारों और ग्राम पंचायतों ने गाँव-गाँव में निगरानी बढ़ा दी है, साथ ही पौधरोपण जैसे दीर्घकालिक पर्यावरणीय उपाय से भविष्य के जोखिम से निपटने की तैयारी भी की जा रही है ।
✅ निष्कर्ष:
SDRF की कुशल योजना और प्रशासन की तत्परता के कारण इस आपदा‑कालीन स्थिति में जान-माल का कोई भारी नुकसान नहीं हुआ और सभी प्रभावितों को सुरक्षित निकाला गया। स्थानीय प्रशासन एवं SDRF की सजगता व समन्वय की बदौलत स्थिति पर नियंत्रण पाया गया।