प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को अपने तमिलनाडु दौरे के दौरान ऐतिहासिक गंगईकोंडा चोलपुरम बृहदेश्वर मंदिर में पूजा-अर्चना की। यह मंदिर चोल वंश के महान सम्राट राजेंद्र चोल की स्मृति में बना है और यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में से एक है।
पीएम मोदी ने मंदिर में दर्शन कर ‘आदि तिरुवथिरै’ महोत्सव के समापन समारोह में भाग लिया। यह पर्व तमिल परंपरा में राजेंद्र चोल की जयंती के रूप में मनाया जाता है। इसके साथ ही यह दिन तमिल संगीत के महानायक इलैयाराजा के सम्मान में भी समर्पित था।
इस भव्य कार्यक्रम के दौरान इलैयाराजा ने एक 20 मिनट का संगीतमय कार्यक्रम प्रस्तुत किया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में पारंपरिक नृत्य, संगीत और सांस्कृतिक प्रस्तुतियों का भी आयोजन किया गया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में चोल वंश की सांस्कृतिक और स्थापत्य विरासत की सराहना की और कहा कि भारत की प्राचीन धरोहर आज के आधुनिक भारत के आत्मगौरव का स्रोत है।
यह दौरा दक्षिण भारत में सांस्कृतिक एकता और विरासत को सहेजने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। PM मोदी के इस कार्यक्रम को तमिल संस्कृति और केंद्र सरकार के बीच सेतु के रूप में देखा जा रहा है।