ECI के निर्देश पर बंगाल में हलचल तेज! ममता बनर्जी का विरोध जारी, विपक्ष जुटा BLA सूची तैयार करने में

ceo west bengal

पश्चिम बंगाल में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (Special Intensive Revision – SIR) को लेकर चुनाव आयोग (Election Commission of India – ECI) के निर्देश के बाद राजनीतिक हलचल तेज़ हो गई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी जहां एक ओर आयोग की नीयत पर सवाल उठा रही हैं, वहीं दूसरी ओर राज्य की विपक्षी पार्टियां Booth Level Agents (BLA) की सूची तैयार करने में जुट गई हैं।

📩 ECI ने 30 जुलाई को CEO को भेजा निर्देश

30 जुलाई को चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO), पश्चिम बंगाल को पत्र लिखकर निर्देश दिया कि BLA की सूची जल्द से जल्द तैयार की जाए ताकि राज्य में SIR की प्रक्रिया को समय पर पूरा किया जा सके।

ECI ने अपने पत्र में लिखा,

“राजनीतिक दलों द्वारा नियुक्त किए गए Booth Level Agents (BLAs) SIR गतिविधियों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। अतः सभी राजनीतिक दलों को लिखित रूप से सूचित किया जाए और उन्हें BLAs की नियुक्ति के लिए प्रोत्साहित किया जाए ताकि वे SIR के दौरान ग्राउंड पर सक्रिय रहें और किसी भी गड़बड़ी की सूचना दे सकें।”

🏛️ ममता बनर्जी ने किया ECI का विरोध, कहा– “मैं अपने अफसरों की रक्षा करूंगी”

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मंगलवार को स्पष्ट कर दिया कि वह चुनाव आयोग के निर्देश पर राज्य के पांच अधिकारियों को निलंबित नहीं करेंगी। यह बयान उस समय आया जब ECI ने कथित मतदाता धोखाधड़ी के मामलों को लेकर इन अधिकारियों पर कार्रवाई के आदेश दिए थे।

ममता ने कहा,

“मैं किसी भी हद तक जाऊंगी अपने अफसरों की रक्षा करने के लिए। आयोग का यह रवैया पक्षपातपूर्ण है।”

🗳️ विपक्ष मैदान में उतरा, BJP बोली– ‘निर्धारित समय में देंगे BLA सूची’

चुनाव आयोग की चिट्ठी के बाद भाजपा ने तुरंत तैयारी शुरू कर दी है। भाजपा के प्रदेश महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने कहा:

“ECI हर साल इलेक्टोरल रोल रिवीजन करता है, और हर बार BLAs की सूची देनी होती है। इस बार Special Intensive Revision (SIR) जोड़ा गया है, और हम तय समय के भीतर अपनी सूची सौंप देंगे।”

📌 BLA की भूमिका क्यों अहम है?

Booth Level Agents मतदान केंद्र स्तर पर काम करते हैं और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता सुनिश्चित करने में उनकी बड़ी भूमिका होती है। SIR के दौरान ये एजेंट:

  • मतदाता सूची में गड़बड़ियों की जानकारी देते हैं
  • फर्जी नामों या डुप्लिकेट एंट्री को रिपोर्ट करते हैं
  • अपने पार्टी के हित में फील्ड रिपोर्टिंग करते हैं

🔍 क्या कहती है राजनीतिक स्थिति?

पश्चिम बंगाल में चुनाव प्रक्रिया हमेशा से राजनीतिक टकराव का केंद्र रही है। एक ओर चुनाव आयोग चुनावी पारदर्शिता के लिए SIR को गंभीरता से लागू कर रहा है, वहीं ममता सरकार इसे राजनीतिक हस्तक्षेप मान रही है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले दिनों में विपक्षी दल और सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस के बीच BLA नियुक्तियों और SIR प्रक्रिया को लेकर टकराव और कितना बढ़ता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *