हर साल भाद्रपद शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाने वाली Teej Katha महिलाओं के लिए एक बहुत ही खास दिन होता है। इस दिन महिलाएं व्रत रखती हैं, सज-धज कर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करती हैं और अपने जीवनसाथी की लंबी उम्र और सुखी वैवाहिक जीवन की कामना करती हैं।
लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस व्रत की सबसे ज़रूरी चीज़ है – इसकी व्रत कथा? जी हां, बिना इसे सुने या पढ़े व्रत अधूरा माना जाता है।
तो चलिए जानते हैं इस व्रत के पीछे की पौराणिक कहानी, जिसे जानना हर व्रती महिला के लिए ज़रूरी है।
🌿 क्या है हरतालिका तीज की कहानी? (The Vrat Katha)
बहुत समय पहले की बात है… माता पार्वती जी ने भगवान शिव को अपना पति बनाने की ठान ली थी। लेकिन उनके पिता हिमवान चाहते थे कि पार्वती का विवाह भगवान विष्णु से हो। पार्वती जी इससे बिलकुल भी खुश नहीं थीं।
जब उन्हें पता चला कि उनका रिश्ता तय कर दिया गया है, तो उन्होंने शादी से मना कर दिया और अपनी सखी (female friend) की मदद से जंगल की ओर चली गईं। इस घटना को ही “हरण” कहा जाता है और “सखी” को “तालिका”। इसीलिए इस व्रत का नाम पड़ा हर + तालिका = Hartalika।
जंगल में पार्वती जी ने कठोर तप किया — बिना खाना, बिना पानी — सिर्फ एक ही इच्छा के साथ कि शिव जी ही उनके पति बनें।
उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान शिव प्रकट हुए और पार्वती जी को पत्नी के रूप में स्वीकार कर लिया। बाद में दोनों का विवाह हुआ, जिसे हम आज भी श्रद्धा से याद करते हैं।
💫 क्यों ज़रूरी है यह कथा सुनना?
व्रत की पूजा चाहे जितनी सुंदर हो, अगर आपने व्रत कथा नहीं सुनी या पढ़ी, तो धार्मिक मान्यता के अनुसार व्रत अधूरा रहता है। यह कथा सिर्फ एक कहानी नहीं, बल्कि श्रद्धा, विश्वास और नारी शक्ति की मिसाल है।
🧡 आज के समय में इस व्रत का मतलब क्या है?
- ये व्रत सिर्फ शादीशुदा महिलाओं के लिए नहीं है, बल्कि कुंवारी लड़कियां भी इसे अच्छे वर की प्राप्ति के लिए रखती हैं।
- यह दिन सेल्फ-डेडिकेशन, इनर स्ट्रेंथ और डिवाइन एनर्जी को महसूस करने का दिन है।
- माता पार्वती हमें सिखाती हैं कि अगर हमारी इच्छा सच्ची है और इरादा पक्का है, तो भगवान भी हमारी सुनते हैं।
🌙 क्या-क्या होता है इस दिन?
- महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं – यानी बिना पानी पिए।
- सुंदर तरीके से सजती हैं – नई साड़ी, मेहंदी, चूड़ियां और श्रृंगार।
- मिट्टी से शिव-पार्वती की मूर्ति बनाकर पूजा करती हैं।
- शाम को कथा सुनने के बाद रात में जागरण भी होता है – भजन, कीर्तन और शिव-पार्वती की आरती।
🌸 Final Thoughts
Hartalika Teej सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि एक भावना है – जिसमें छुपी है devotion, patience और शक्ति। इस दिन की सबसे खूबसूरत बात ये है कि इसे पूरी श्रद्धा और निष्ठा से मनाया जाता है।
और हां, जब भी आप यह व्रत रखें – व्रत कथा ज़रूर पढ़ें या सुनें, तभी आपका व्रत complete माना जाएगा।
Happy Hartalika Teej to you and your family! 💛🌿