अमेरिकी ट्रेडिंग फर्म Jane Street द्वारा कथित शेयर बाजार हेरफेर (Market Manipulation) को लेकर भारतीय बाज़ार नियामक सेबी (SEBI) की देरी से कार्रवाई अब विपक्ष के निशाने पर आ गई है। कांग्रेस की प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सेबी की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा कि यह देरी “नियामक की निष्क्रियता और पक्षपात” का स्पष्ट संकेत है, जिससे लाखों छोटे निवेशकों को भारी नुकसान उठाना पड़ा।
🔹 कांग्रेस ने क्या कहा?
कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने मीडिया से बातचीत में कहा:
“SEBI जैसे महत्वपूर्ण नियामक को इतनी बड़ी गड़बड़ी की जानकारी समय पर क्यों नहीं मिली? और अगर मिली, तो कार्रवाई में इतनी देर क्यों हुई?”
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बड़ी विदेशी संस्थाएं जानबूझकर भारतीय स्टॉक्स में उतार-चढ़ाव पैदा करके फायदा उठाती हैं, और भारतीय नियामक समय पर कार्रवाई नहीं करते।
🔹 Jane Street मामला क्या है?
Jane Street पर आरोप है कि उन्होंने 2025 की पहली तिमाही में भारतीय शेयर बाजार में अनुचित ट्रेडिंग गतिविधियों के जरिए कृत्रिम उतार-चढ़ाव पैदा किया, जिससे खुद मुनाफा कमाया लेकिन खुदरा निवेशकों को नुकसान हुआ। यह मामला तब प्रकाश में आया जब Operation Sindoor के तहत बाजार में अनियमितताओं की गहन जांच शुरू की गई।
🔹 सेबी पर सवाल
कांग्रेस ने SEBI से स्पष्ट किया है कि:
- जांच में देरी क्यों हुई?
- संस्थागत निवेशकों को फायदा पहुंचाने का आरोप क्यों न लगे?
- रिटेल निवेशकों की सुरक्षा की क्या गारंटी है?
📌 मुख्य बातें:
- Jane Street पर बाजार में हेरफेर का आरोप
- सेबी की जांच पर कांग्रेस ने उठाए सवाल
- छोटे निवेशकों को हुआ बड़ा नुकसान
- कांग्रेस ने की पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग